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Ringing in the Ears: Causes and How to Stop it

Have you ever experienced a ringing sound in your ears that seems to come from nowhere? This condition is called tinnitus or ringing in the ears. It can be a bothersome experience, causing discomfort, and frustration, and even affecting your quality of life. But what exactly causes ringing in the ears, and more importantly, how can we stop it? In this article, we’ll explore the causes and treatment options for tinnitus, with expert advice from Dr. Sangeeta Sengar, the Best ENT Doctor in Kanpur, at Medi Help Hospital.

क्या आपने कभी अपने कानों में बिना कारण के गूंजने वाली आवाज सुनी है? यह स्थिति टिनिटस या रिंगिंग इन द ईयर्स के नाम से जानी जाती है। यह एक असहज अनुभव हो सकता है, जो असुविधा, निराशा और कभी-कभी जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। लेकिन आखिरकार, कानों में रिंगिंग आने के कारण क्या होते हैं और इसे कैसे रोका जा सकता है? इस लेख में हम टिनिटस के कारण और उपचार विकल्पों पर चर्चा करेंगे, और इस बारे में विशेषज्ञ सलाह प्राप्त करेंगे डॉ. संगीता सेंगर, कानपुर की सबसे अच्छी ENT डॉक्टर से, जो मेडी हेल्प हॉस्पिटल में उपचार प्रदान करती हैं।

How to Stop Ringing in the Ears (कानों में रिंगिंग को कैसे रोका जा सकता है)

If you’re dealing with ringing in the ears, there are several treatments and lifestyle changes you can try to reduce or eliminate the noise. Here are some of the most effective methods:

  1. Consult a Specialist (विशेषज्ञ से परामर्श लें):
    If you’re experiencing persistent tinnitus, it’s important to consult an ENT specialist, such as Dr. Sangeeta Sengar at Medi Help Hospital in Kanpur. A proper diagnosis and treatment plan are essential for managing the condition.
    अगर आप लगातार टिनिटस का सामना कर रहे हैं, तो कान, नाक और गले के विशेषज्ञ से परामर्श करना महत्वपूर्ण है, जैसे कि मेडी हेल्प हॉस्पिटल, कानपुर में डॉ. संगीता सेंगर। एक सही निदान और उपचार योजना इस स्थिति को प्रबंधित करने के लिए आवश्यक है।
  2. Sound Therapy (ध्वनि चिकित्सा):
    Listening to soothing background noise, like white noise or nature sounds, can help mask the ringing in the ears. This method, known as sound therapy, can help distract the brain and reduce the perception of tinnitus.
    ध्वनि चिकित्सा में शांति देने वाली बैकग्राउंड ध्वनियाँ, जैसे सफेद शोर या प्रकृति की आवाजें सुनने से कानों में रिंगिंग को छिपाने में मदद मिल सकती है। यह विधि मस्तिष्क को विचलित करके टिनिटस के अनुभव को कम कर सकती है।
  3. Use of Hearing Aids (सुनने वाले यंत्र का उपयोग):
    For those suffering from hearing loss, using hearing aids may improve overall ear function and help manage tinnitus symptoms.
    सुनने वाले यंत्र का उपयोग सुनने में कठिनाई से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए, सुनने वाले यंत्र का उपयोग कुल मिलाकर कान की कार्यक्षमता में सुधार कर सकता है और टिनिटस के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
  4. Reduce Stress (तनाव कम करें):
    Stress and anxiety can make tinnitus symptoms worse. Practicing relaxation techniques such as meditation, yoga, and deep breathing exercises can help reduce stress and, in turn, reduce the intensity of the ringing.
    तनाव कम करें तनाव और चिंता टिनिटस के लक्षणों को और बढ़ा सकते हैं। ध्यान, योग, और गहरी सांस लेने की तकनीकों जैसी विश्राम विधियों का अभ्यास करने से तनाव कम करने में मदद मिल सकती है, और इससे रिंगिंग की तीव्रता को कम किया जा सकता है।
  5. Medications (दवाइयाँ):
    Certain medications, like anti-anxiety drugs or antidepressants, may be prescribed to help manage the emotional and psychological effects of tinnitus.
    दवाइयाँ कुछ दवाइयाँ, जैसे एंटी-एंग्जाइटी ड्रग्स या एंटीडिप्रेसेंट्स, टिनिटस के मानसिक और भावनात्मक प्रभावों को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए दी जा सकती हैं।
Ringing in the Ears
Ringing in the Ears

Causes of Ringing in the Ears (कानों में रिंगिंग के कारण)

Ringing in the ears can have various causes. Some of the most common ones include:

  1. Exposure to Loud Noises (उच्च आवाज के संपर्क में आना):
    Long-term exposure to loud noises like music concerts, machinery, or loud environments can damage the delicate hair cells in the inner ear, leading to tinnitus.
    उच्च आवाजों के संपर्क में आना, जैसे संगीत कॉन्सर्ट, मशीनरी या शोरगुल वाले वातावरण, लंबे समय तक कानों में सुनने से आंतरिक कान की नाजुक बाल कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है, जिससे टिनिटस हो सकता है।
  2. Ear Infections (कान का संक्रमण):
    Ear infections, whether bacterial or viral, can cause ringing in the ears as a symptom. These infections may cause inflammation or block the ear canal, resulting in discomfort and tinnitus.
    कान का संक्रमण, चाहे वह बैक्टीरियल हो या वायरल, कानों में रिंगिंग का कारण बन सकता है। यह संक्रमण कान नलिका में सूजन या अवरोध उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे असुविधा और टिनिटस हो सकता है।
  3. Age-related Hearing Loss (उम्र से संबंधित सुनने की क्षमता में कमी):
    As we age, the hair cells in the inner ear naturally decline, which can lead to hearing loss and the onset of tinnitus.
    उम्र से संबंधित सुनने की क्षमता में कमी, जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, कानों के आंतरिक हिस्से की बाल कोशिकाएं स्वाभाविक रूप से कम हो जाती हैं, जिससे सुनने में कठिनाई और टिनिटस का सामना करना पड़ता है।
  4. Earwax Buildup (कान में वैक्स का जमा होना):
    A buildup of earwax can block the ear canal and cause pressure on the eardrum, which may result in tinnitus.
    कान में वैक्स का जमा होना कान नलिका को अवरुद्ध कर सकता है और ईयरड्रम पर दबाव डाल सकता है, जिससे टिनिटस हो सकता है।
  5. Other Medical Conditions (अन्य चिकित्सा स्थितियाँ):
    Conditions like high blood pressure, diabetes, thyroid problems, or Meniere’s disease can also cause tinnitus.
    अन्य चिकित्सा स्थितियाँ, जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, थायरॉयड समस्या या मेनियर्स रोग, भी टिनिटस का कारण बन सकते हैं।

When to See a Doctor (डॉक्टर से कब मिलें)

If you notice that the ringing in your ears is persistent, becomes louder, or affects your ability to sleep or focus, it’s time to see a doctor. Dr. Sangeeta Sengar, one of the leading ENT doctors in Kanpur, can provide a thorough evaluation and guide you through the best treatment options.

यदि आप महसूस करते हैं कि आपके कानों में रिंगिंग लगातार बनी रहती है, या यह और तेज हो जाती है, या यह आपकी नींद या ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को प्रभावित करती है, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। डॉ. संगीता सेंगर, जो कानपुर की एक प्रमुख ENT डॉक्टर हैं, एक विस्तृत मूल्यांकन प्रदान कर सकती हैं और आपको सर्वोत्तम उपचार विकल्पों के बारे में मार्गदर्शन कर सकती हैं।

Conclusion (निष्कर्ष):

Ringing in the ears, or tinnitus, can be a frustrating and challenging condition, but with the right treatment and lifestyle changes, it can be managed. Whether it’s through sound therapy, stress reduction, or medical interventions, effective solutions are available. If you are struggling with tinnitus, don’t hesitate to consult Dr. Sangeeta Sengar, the best ENT doctor in Kanpur at Medi Help Hospital, for personalized care and treatment.

टिनिटस, या कानों में रिंगिंग, एक निराशाजनक और चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है, लेकिन सही उपचार और जीवनशैली में बदलाव के साथ इसे प्रबंधित किया जा सकता है। चाहे वह ध्वनि चिकित्सा हो, तनाव को कम करना हो, या चिकित्सा हस्तक्षेप हो, प्रभावी समाधान उपलब्ध हैं। यदि आप टिनिटस से जूझ रहे हैं, तो डॉ. संगीता सेंगर, कानपुर की सबसे अच्छी ENT डॉक्टर से मेडी हेल्प हॉस्पिटल में व्यक्तिगत देखभाल और उपचार के लिए परामर्श करने में संकोच न करें।