Medihelp Hospital

ईआरसीपी (ERCP) क्या है और क्यों की जाती है?

Topics Covered in this Blog:

  • ईआरसीपी (ERCP) क्या है?
  • ईआरसीपी (ERCP) क्यों की जाती है?
  • ईआरसीपी (ERCP) कितने प्रकार की होती है?
  • ईआरसीपी (ERCP) कब कराना चाहिए?
  • ईआरसीपी (ERCP) कराने के क्या फायदे हैं?
  • ईआरसीपी (ERCP) क्यों किया जाता है?
  • ईआरसीपी (ERCP) न करायें तो क्या हो सकता है?
  • ईआरसीपी (ERCP) कराने की क्या प्रक्रिया होती है?
  • ईआरसीपी (ERCP) कराने के बाद क्या करना होता है?

ईआरसीपी (ERCP) क्या है?

ईआरसीपी (Endoscopic Retrograde Cholangiopancreatography) एक नैदानिक ​​और चिकित्सीय प्रक्रिया है जिसका उपयोग पित्त नलिकाओं और अग्नाशय वाहिनी की जांच और उपचार के लिए किया जाता है। यह एक एंडोस्कोपी प्रक्रिया है, जिसका अर्थ है कि डॉक्टर एक पतली, लचीली ट्यूब (एंडोस्कोप) का उपयोग करते हैं जिसमें एक कैमरा होता है जिसे मुंह और घुटकी के माध्यम से डाला जाता है, और फिर पेट और छोटी आंत में ले जाया जाता है।

ईआरसीपी (ERCP) क्यों की जाती है?

एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलंगियोपैनक्रिएटोग्राफी (ERCP) एक नॉन-सर्जिकल प्रक्रिया है जिसका उपयोग पित्त नलियों और अग्नाशय वाहिनी की जांच और इलाज के लिए किया जाता है। यह एक विशेष प्रकार का एंडोस्कोपी है जिसमें डॉक्टर आपके मुंह और गले के माध्यम से एक पतली, लचीली ट्यूब डालते हैं जिसे एंडोस्कोप कहा जाता है। एंडोस्कोप में एक कैमरा होता है जिससे डॉक्टर आपके पाचन तंत्र के अंदरूनी हिस्सों को देख सकते हैं।

ईआरसीपी (ERCP) कितने प्रकार की होती है?

ईआरसीपी (ERCP) के दो मुख्य प्रकार हैं:

  • डायग्नोस्टिक ईआरसीपी (Diagnostic ERCP): इसका उपयोग पित्त नलिकाओं और अग्नाशय वाहिनी में रुकावटों, सूजन या अन्य समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।
  • थेरेप्यूटिक ईआरसीपी (Therapeutic ERCP): इसका उपयोग पित्त नलिकाओं और अग्नाशय वाहिनी में रुकावटों के इलाज के लिए किया जाता है।

ईआरसीपी (ERCP) कब कराना चाहिए?

ईआरसीपी (ERCP) कई स्थितियों के निदान और उपचार के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • पित्त पथरी (Gallstones): ये कठोर जमा होते हैं जो पित्त नलिकाओं में बन सकते हैं और पेट दर्द, पीलिया और मतली जैसे लक्षण पैदा कर सकते हैं।
  • पित्त नलिकाओं का सिकुड़ना (Narrowing of the Bile Ducts): यह पित्त नलिकाओं की संकीर्णता है जो पित्त प्रवाह को बाधित कर सकती है।
  • अग्नाशयशोथ (Pancreatitis): यह अग्नाशय की सूजन है।
  • अग्नाशय का कैंसर (Pancreatic Cancer): यह अग्नाशय में कैंसर का विकास है।

ईआरसीपी (ERCP) कराने के क्या फायदे हैं?

ईआरसीपी (ERCP) के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • यह पित्त नलिकाओं और अग्नाशय वाहिनी की छवियां प्रदान करता है जो अन्य इमेजिंग तकनीकों की तुलना में अधिक विस्तृत होती हैं।
  • इसका उपयोग रुकावटों को दूर करने और पित्त नलिकाओं और अग्नाशय वाहिनी में अन्य समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जा सकता है।
  • यह कम आक्रामक है और सर्जरी की तुलना में कम जोखिम वाला है।

ईआरसीपी (ERCP) क्यों किया जाता है?

ईआरसीपी (ERCP) का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों के निदान और उपचार के लिए किया जाता है:

  • पित्त पथरी (Gallstones): ईआरसीपी का उपयोग पित्त पथरी को हटाने या उन्हें तोड़ने के लिए किया जा सकता है ताकि वे आसानी से गुजर सकें।
  • पित्त नलिकाओं का सिकुड़ना: ईआरसीपी का उपयोग पित्त नलिकाओं को चौड़ा करने के लिए किया जा सकता है ताकि पित्त प्रवाह में सुधार हो सके।
  • अग्नाशयशोथ (Pancreatitis): ईआरसीपी का उपयोग अग्नाशय वाहिनी में रुकावटों को दूर करने के लिए किया जा सकता है जो अग्नाशयशोथ का कारण बनता है।
  • अग्नाशय का कैंसर (Pancreatic Cancer): ईआरसीपी का उपयोग अग्नाशय के कैंसर के नमूने लेने के लिए किया जा सकता है।

ईआरसीपी न करायें तो क्या हो सकता है?

यदि ईआरसीपी की आवश्यकता वाली स्थिति का इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • संक्रमण (Infection): पित्त नलिकाओं और अग्नाशय वाहिनी में संक्रमण हो सकता है।
  • अग्नाशयशोथ (Pancreatitis): अग्नाशयशोथ की स्थिति बिगड़ सकती है और गंभीर, जानलेवा जटिलताओं को जन्म दे सकती है।
  • पीलिया (Jaundice): यदि पित्त नलिकाओं में रुकावट बनी रहती है, तो यह रक्तप्रवाह में बिलीरुबिन नामक पदार्थ के निर्माण का कारण बन सकती है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा और आंखों का पीलापन (पीलिया) होता है।
  • यकृत (Liver) को क्षति: लंबे समय तक रुकावट से यकृत को नुकसान पहुंच सकता है।
  • पित्ताशय में संक्रमण (Cholecystitis): यदि पित्त पथरी का इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे पित्ताशय में सूजन और संक्रमण (cholecystitis) हो सकता है।

ईआरसीपी (ERCP) कराने की क्या प्रक्रिया होती है?

ईआरसीपी (ERCP) एक बाह्य रोगी प्रक्रिया है, यानी आपको आमतौर पर उसी दिन अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। प्रक्रिया से पहले, आपको कुछ तैयारी करने की आवश्यकता होगी, जिनमें शामिल हैं:

  • पूर्व-प्रक्रिया परीक्षण: आपके डॉक्टर रक्त परीक्षण और इमेजिंग परीक्षण जैसे अल्ट्रासाउंड या एमआरसीपी करवाने का सुझाव दे सकते हैं।
  • भोजन और पेय पदार्थों में पाबंदी: आपको प्रक्रिया से पहले कई घंटों तक कुछ भी खाने या पीने से बचना होगा।
  • दवाएं: आपको प्रक्रिया से पहले कुछ दवाओं को लेने से रोकने के लिए कहा जा सकता है।

ईआरसीपी (ERCP) प्रक्रिया के दौरान:

  • आपको एक अंतःशिरा (IV) लाइन दी जाएगी ताकि दवाएं और तरल पदार्थ दिए जा सकें।
  • आपको गले में स्प्रे या दवा दी जा सकती है ताकि आप प्रक्रिया के दौरान सहज महसूस करें।
  • डॉक्टर एक एंडोस्कोप को आपके मुंह और घुटकी के माध्यम से आपके पेट और छोटी आंत में डालेंगे।
  • एंडोस्कोप में एक छोटा कैमरा होता है जो पेट और छोटी आंत के अंदर की छवियां भेजता है।
  • डॉक्टर तब एक पतली ट्यूब (कैथेटर) को एंडोस्कोप के माध्यम से छोटी आंत के निचले हिस्से में (जिसे पैपीला कहते हैं) पास के क्षेत्र में डालेंगे।
  • पैपीला वह क्षेत्र होता है जहां पित्त नली और अग्नाशय वाहिनी छोटी आंत में खुलती हैं।
  • एक विशेष डाई को कैथेटर के माध्यम से इंजेक्ट किया जाएगा।
  • एक्स-रे का उपयोग करके डाई के प्रवाह को देखा जाएगा। इससे डॉक्टर को पित्त नलिकाओं और अग्नाशय वाहिनी की संरचना और किसी भी रुकावट का पता लगाने में मदद मिलेगी।

यदि ईआरसीपी एक निदान प्रक्रिया के रूप में किया जा रहा है, तो यहीं पर प्रक्रिया समाप्त हो सकती है।

यदि ईआरसीपी एक उपचार प्रक्रिया के रूप में किया जा रहा है, तो डॉक्टर निम्नलिखित में से एक या अधिक प्रक्रियाएं कर सकते हैं:

  • पित्त पथरी को हटाना: डॉक्टर एंडोस्कोप के माध्यम से विशेष उपकरणों का उपयोग करके पित्त पथरी को हटा सकते हैं।
  • पित्त नलिकाओं को चौड़ा करना: डॉक्टर एक छोटा गुब्बारा या स्टेंट डाल सकते हैं जो पित्त नलिकाओं को चौड़ा करने में मदद करेगा।
  • अग्नाशय वाहिनी में रुकावट को दूर करना: डॉक्टर रुकावट को दूर करने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं।

ईआरसीपी (ERCP) कराने के बाद क्या करना होता है?

ईआरसीपी (ERCP) के बाद, आपको कुछ समय के लिए निगरानी में रखा जाएगा। आपको थोड़ा गले में खराश या पेट में कुछ असुविधा महसूस हो सकती है। ये दुष्प्रभाव आमतौर पर हल्के होते हैं और कुछ घंटों में दूर हो जाते हैं।

घर वापस आने के बाद:

  • आराम करें: पर्याप्त आराम करें और ज़्यादा ज़ोरदार गतिविधियों से बचें।
  • तरल पदार्थों का सेवन करें: प्रचुर मात्रा में तरल पदार्थ पिएं, जैसे पानी, जूस या चाय। यह आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और किसी भी संभावित जटिलता को रोकने में मदद करेगा।
  • हल्का भोजन करें: पहले कुछ दिनों के लिए हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन खाएं।
  • दवाएं लें: अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई किसी भी दवा को नियमित रूप से लें।
  • अपने डॉक्टर से संपर्क करें: यदि आपको कोई गंभीर दुष्प्रभाव है, जैसे कि तेज बुखार, लगातार पेट दर्द, या उल्टी, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

अतिरिक्त निर्देश:

  • धूम्रपान न करें: कम से कम 48 घंटों तक धूम्रपान न करें, क्योंकि इससे गले में जलन और खांसी हो सकती है।
  • शराब से बचें: कम से कम 72 घंटों तक शराब से बचें, क्योंकि इससे पेट में जलन हो सकती है।
  • भारी वस्तुएं न उठाएं: कम से कम एक हफ्ते तक भारी वस्तुएं न उठाएं, क्योंकि इससे प्रक्रिया स्थल पर रक्तस्राव या दर्द हो सकता है।

ध्यान दें: यह ब्लॉग केवल जानकारी के उद्देश्य के लिए है और चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा आप अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Contact Information:

Address: 117/K 22 Sarvodaya Nagar Kanpur, Uttar Pradesh
Call: 98398 00817