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कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) क्या है और क्यों की जाती है?

Topics Covered in this Blog:

  • कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) क्या है?
  • कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) क्यों की जाती है?
  • कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) के कितने प्रकार होते हैं?
  • कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) कब और क्यों कराना चाहिए?
  • कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) कराने के क्या फायदे हैं?

कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) क्या है और क्यों की जाती है?

कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) क्या है?

कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) बड़ी आंत (Large Intestine) और मलाशय (Rectum) की जांच करने की एक प्रक्रिया है। यह एक लचीली, पतली ट्यूब के माध्यम से किया जाता है जिसे कोलोनोस्कोप (Colonoscope) कहा जाता है। कोलोनोस्कोप के सिरे पर एक कैमरा और एक रोशनी होती है। डॉक्टर इस ट्यूब को मलाशय से डालकर बड़ी आंत में घुमाते हैं। कैमरे से प्राप्त चित्रों को एक मॉनिटर पर देखा जाता है।

यह प्रक्रिया आमतौर पर एक अस्पताल या क्लिनिक में एक आउटपेशेंट के रूप में की जाती है। आपको एक गाउन पहनने के लिए कहा जाएगा और आपको एक आरामदायक स्थिति में बिस्तर पर लेटने के लिए कहा जाएगा। डॉक्टर आपको दवा देंगे जिससे आपको थोड़ी नींद आ जाएगी और आपको कोई दर्द महसूस नहीं होगा।

डॉक्टर तब कोलोनोस्कोप को आपके मलाशय में डालेंगे और इसे धीरे-धीरे आपकी बड़ी आंत में घुमाएंगे। कैमरे से प्राप्त चित्रों को एक मॉनिटर पर दिखाया जाएगा, जिससे डॉक्टर आपकी बड़ी आंत की दीवारों को करीब से देख सकेंगे। यदि डॉक्टर को कोई पॉलीप या असामान्य ऊतक दिखाई देता है, तो वे उन्हें हटा या बायोप्सी कर सकते हैं।

कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) क्यों की जाती है?

कोलोनोस्कोपी कई कारणों से किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:

  • बड़ी आंत में पॉलीप्स या कैंसर का पता लगाना: पॉलीप्स बड़ी आंत में छोटी वृद्धि हैं जो कैंसर में बदल सकती हैं। कोलोनोस्कोपी के दौरान, डॉक्टर पॉलीप्स को हटा सकते हैं ताकि वे कैंसर में बदलने से पहले ही रोका जा सके।
  • कैंसर का पता लगाना: कोलोनोस्कोपी कैंसर का पता लगाने का एक प्रभावी तरीका है। यदि डॉक्टर को कोलोनोस्कोपी के दौरान कैंसर का पता चलता है, तो वे जल्दी इलाज शुरू कर सकते हैं।
  • बड़ी आंत से जुड़ी अन्य समस्याओं का पता लगाना और उनका इलाज करना: कोलोनोस्कोपी का उपयोग अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग जैसी बड़ी आंत से जुड़ी अन्य समस्याओं का पता लगाने और उनका इलाज करने के लिए भी किया जा सकता है।
  • बड़ी आंत से बायोप्सी लेना: यदि डॉक्टर को आपकी बड़ी आंत में कोई असामान्य क्षेत्र दिखाई देता है, तो वे बायोप्सी ले सकते हैं। बायोप्सी में, डॉक्टर ऊतक का एक छोटा सा नमूना लेते हैं और इसका परीक्षण माइक्रोस्कोप के तहत करते हैं।

कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) के कितने प्रकार होते हैं?

मुख्य रूप से दो प्रकार की कोलोनोस्कोपी होती हैं:

  • संज्ञानात्मक कोलोनोस्कोपी: इस प्रक्रिया में, मरीज को हल्का बेहोशी का दवा दिया जाता है, जिससे उन्हें थोड़ी नींद आ जाती है और उन्हें कोई दर्द महसूस नहीं होता है।
  • बिना संज्ञानात्मक कोलोनोस्कोपी: इस प्रक्रिया में, मरीज को केवल दर्द निवारक दवा दी जाती है।

कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) कब और क्यों कराना चाहिए?

50 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को कोलोनोस्कोपी करानी चाहिए।

लेकिन कुछ लोगों को 50 वर्ष से पहले भी कोलोनोस्कोपी कराने की आवश्यकता हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:

  • पारिवारिक इतिहास: यदि आपके परिवार में किसी को कोलोन कैंसर या पॉलीप का इतिहास है, तो आपको पहले कोलोनोस्कोपी करानी चाहिए।
  • अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन रोग: यदि आपको इनमें से कोई भी बीमारी है, तो आपको नियमित रूप से कोलोनोस्कोपी करानी चाहिए।
  • अन्य आंत्र रोग: यदि आपको कोई अन्य आंत्र रोग है, जैसे कि डायवर्टीकुलोसिस, आपको नियमित रूप से कोलोनोस्कोपी करानी चाहिए।
  • व्यक्तिगत इतिहास: यदि आपको पहले पॉलीप या कैंसर हो चुका है, तो आपको नियमित रूप से कोलोनोस्कोपी करानी चाहिए।

कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) कराने के क्या फायदे हैं?

कोलोनोस्कोपी कराने के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • यह बड़ी आंत में पॉलीप्स और कैंसर का जल्दी पता लगाने में मदद करता है। पॉलीप्स समय के साथ कैंसर में बदल सकते हैं, और कैंसर का पता देर से लगने पर इसका इलाज करना मुश्किल हो सकता है। कोलोनोस्कोपी जल्दी पता लगाने में मदद करता है, जिससे इलाज के बेहतर परिणाम मिलते हैं।
  • यह कैंसर के इलाज की सफलता दर को बढ़ा सकता है। कोलोन कैंसर जल्दी पाए जाने पर इलाज की सफलता दर काफी अधिक होती है। कोलोनोस्कोपी जल्दी पता लगाने में मदद करता है, जिससे इलाज के बेहतर परिणाम मिलते हैं।
  • यह बड़ी आंत से जुड़ी अन्य समस्याओं का पता लगाने में मदद करता है। कोलोनोस्कोपी का उपयोग अल्सरेटिव कोलाइटिस, क्रोहन रोग और रक्तस्राव जैसी बड़ी आंत से जुड़ी अन्य समस्याओं का पता लगाने में भी किया जा सकता है। जल्दी पता लगाने से इन स्थितियों का भी जल्दी इलाज किया जा सकता है।

यदि आप कोलोनोस्कोपी कराने पर विचार कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वे आपको बता सकते हैं कि क्या यह आपके लिए सही है और इसे कब करवाना चाहिए।

यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है जो आपके लिए उपयोगी हो सकती है:

  • कोलोनोस्कोपी एक सुरक्षित प्रक्रिया है। हालांकि, कुछ मामलों में, इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि पेट में दर्द, ऐंठन, सूजन और रक्तस्राव।
  • कोलोनोस्कोपी कराने से पहले, आपको कुछ तैयारी करनी होगी। आपको अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं को लेना बंद करना होगा और आपको एक विशेष आहार का पालन करना होगा। आपको अपनी आंतों को साफ करने के लिए एक तरल घोल भी पीना होगा।
  • कोलोनोस्कोपी आमतौर पर एक अस्पताल या क्लिनिक में एक आउटपेशेंट के रूप में की जाती है। आपको एक गाउन पहनने के लिए कहा जाएगा और आपको एक आरामदायक स्थिति में बिस्तर पर लेटने के लिए कहा जाएगा। डॉक्टर आपको दवा देंगे जिससे आपको थोड़ी नींद आ जाएगी और आपको कोई दर्द महसूस नहीं होगा।

कोलोनोस्कोपी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो बड़ी आंत में कैंसर और अन्य समस्याओं को रोकने में मदद कर सकती है। यदि आप 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं, या यदि आपको उपरोक्त में से कोई भी जोखिम कारक है, तो अपने डॉक्टर से बात करें कि क्या यह आपके लिए सही है।

जल्दी पता लगाने से कोलोन कैंसर का इलाज अधिक प्रभावी होता है, इसलिए कोलोनोस्कोपी कराना एक स्मार्ट निवारक उपाय हो सकता है।

डॉक्टर से बात करें:

कोलोनोस्कोपी के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है। वे आपके व्यक्तिगत चिकित्सा इतिहास और जोखिम कारकों पर विचार कर सकते हैं और आपको यह सलाह दे सकते हैं कि आपके लिए यह प्रक्रिया सही है या नहीं। आप अपने डॉक्टर से कोलोनोस्कोपी की तैयारी, प्रक्रिया और संभावित जोखिमों के बारे में भी प्रश्न पूछ सकते हैं।

Contact Information:

Address: 117/K 22 Sarvodaya Nagar Kanpur, Uttar Pradesh
Call: 98398 00817

अधिक जानकारी के लिए:

राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (National Cancer Institute): https://www.cancer.gov/ (हिंदी में उपलब्ध)

ध्यान दें: यह ब्लॉग केवल जानकारी के उद्देश्य के लिए है और चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा आप अपने डॉक्टर से सलाह लें।